सादा जीवन उच्च विचार
मुनि श्री विरंजन सागर जी महाराज सादा जीवन उच्च विचार मनुष्य के सच्चे आभूषण दो हैं - विचारों में ऊँचाई और व्यवहार में सादगी। विचार चरित्र का निर्माण करते हैं। यदि आप सच्चे अर्थों में सुखी होना चाहते हैं तो व्यवहार में सादगी लाकर दूसरों का दुःख दूर करते जाइए। इस्लाम धर्म की दो बातें बहुत प्रशंसनीय व अनुकरणीय हैं - अमीरी में सादगी और गरीबी में उदारता। यदि आप सादगी से जीना चाहते हैं तो किसी चीज में पैसा लगाने से पहले स्वयं से दो प्रश्न पूछो। 1. क्या मुझे वास्तव में इस वस्तु की आवश्यकता है ? 2. क्या इसके बिना भी मेरा काम चल सकता है ? जो धन आपके पास है उसका मात्र भोग मत कीजिए अपितु उसका भाग करके उससे दूसरों की मदद कीजिए एवं उसका त्याग करके जीवन का शृंगार कीजिए। मुगल-इतिहास की एक प्रेरणास्पद घटना है। एक बार मुहम्मद पैगम्बर साहब अपने लम्बे प्रवास से लौटकर मदीना पहुँचे। मदीना पहुँचते ही वे सीधे अपनी पुत्री फातिमा से मिलने चले गए। जब वे बेटी के घर तक पहुँचे तो उन्होंने देखा कि बेटी के मकान के द्वार पर सुन्दर और बहुमूल्य रेशमी पर्दा लगा हुआ है। उन्होंने पर्दे को थोड़ा सा हटाकर भीतर झांका तो देख...