हमारा शरीर मोबाइल और मन मेमोरी कार्ड है
हमारा शरीर मोबाइल और मन मेमोरी कार्ड है
(परम पूज्य उपाध्याय श्री विरंजनसागर महाराज की लेखनी से)
क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में बोलने की क्षमता, सुनने की क्षमता, जो सुना गया है उसे सेव करने की क्षमता और सुना हुआ न भूलने की क्षमता के साथ-साथ कई दिन तक स्मरण रखने की क्षमता होती है। ऐसी ही विशेषताओं को लेकर मोबाइल का यह प्रारूप तैयार किया गया है, जिसमें दिल बैटरी के समान है, बैटरी में विद्युत शक्ति हमारी आत्मा की शक्ति के समान है, मोबाइल के सुरक्षित रहने की क्षमता हमारी उम्र के समान है, कैमरा हमारी आँखों का प्रतीक है और मन मेमोरी कार्ड है।
मन में हम संसार की गैरज़रूरी बातों को भी फीड कर सकते हैं और अच्छे धार्मिक गुणों को भी एड कर सकते हैं। मन को विषय भोगों में लगाकर दुःखी भी बना सकते हैं और धर्म में लगाकर सुखी भी बना सकते हैं। जैसे मोबाइल कई तरह के होते हैं, किसी में ज्यादा फंक्शन भी होते हैं जैसे 2जी, 3जी, 4जी, 5जी वगैरह। इसी तरह शरीर भी कई तरह के होते हैं। किसी की याददाश्त तेज़ होती है और किसी की कम होती है, तो किसी की होती ही नहीं।
मोबाइल में अलग-अलग तरह का मेमोरी कार्ड होता है। मोबाइल से मेमोरी कार्ड का सदुपयोग भी हो सकता है और दुरुपयोग भी हो सकता है। यद्यपि कोई वस्तु तो सदुपयोग की दृष्टि से ही निर्मित होती है, लेकिन बुरी प्रवृत्ति के लोग उसका दुरुपयोग करना सीख लेते हैं। वैसे ही मनुष्य को जन्म तो ईश्वर को प्राप्त करने के लिए मिलता है, लेकिन विषय भोगों और तृष्णा वश मनुष्य इस शरीर को बुरे कार्यों में लगाकर अपनी आयु समाप्त कर लेते हैं।
मनुष्य भव के समान अच्छी वस्तु को पाना तो सरल है लेकिन उसका सर्वोत्तम सदुपयोग करना कठिन ही नहीं, असम्भव है। अच्छे कार्य से अच्छा शरीर, सुंदरता, सुरीली आवाज़, धन-संपन्नता पाना कठिन नहीं है, लेकिन इसको पा कर अपने तन-मन को संतों की संगति और ईश्वर की सेवा में लगाना बहुत कठिन है। जिन्होंने ये सभी संयोग पाकर अपने आपको ईश्वर को समर्पित कर दिया है, वे लोग इस धरती पर विचरण करने वाले देवता समझे जाते हैं। वे ईश्वर की पूजा सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं।
मोबाइल की कीमत उसके कवर से नहीं, उसके मेमोरी कार्ड से आंकी जाती है। अतः शरीर के मोबाइल को और उसके मेमोरी कार्ड को पाकर इतराने की धृष्टता न करें। इसे सद्कार्य में लगाकर सफल बनाने का यत्न करें तो भविष्य में ईश्वर की प्राप्ति हो कर मनुष्य जन्म सफल हो सकता है।
ओऽम् शांति सर्व शांति!!
विनम्र निवेदन
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धन्यवाद।
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सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
🙏🙏🙏
Bahut hi Sundar
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